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फ्रेश RTI नियमावली बनाने की राज्य सरकार से सिफारिश करने के लिए राज्य सूचना आयोग को परिवाद

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RTI Act,2005 के तहत उत्तर-पुस्तिका प्रदान करने के लिए बिहार सरकार के विभिन्न सरकारी कार्यालयों द्वारा अलग-अलग व मनमाना शुल्क लेने के विरुध्द एक समान शुल्क लेने के लिए एक फ्रेश नियमावली बनाने की राज्य सरकार से सिफारिश करने के लिए राज्य सूचना आयोग को परिवाद भेजा है।RTI Act,2005 की धारा 25(5) के तहत राज्य सूचना आयोग राज्य सरकार से सिफारिश कर सकती है और राज्य सरकार अधिनियम की धारा 27 के तहत नियमावली बना सकती है।
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय,दरभंगा द्वारा उत्तर-पुस्तिका की छायाप्रति प्रदान करने के लिए दो हजार रुपये मांगा गया,वहीं बिहार बोर्ड द्वारा 100 रुपये प्रति उत्तर-पुस्तिका के अतिरिक्त दो रुपये प्रति पेज मांगा गया।मौजूदा RTI Rules के अनुसार दो रुपये प्रति पेज की दर से छायाप्रति देना है और सुप्रीम कोर्ट ने Central Board Of Secondary Education & Anr vs Aditya Bandopadhyay & Ors,(2011) 8 SCC 497 में उत्तर-पुस्तिका की छायाप्रति RTI Act के तहत देने का फैसला दिया है।
इसलिए ये आवश्यक है कि उत्तर-पुस्तिका की छायाप्रति कैसे प्रदान किया जाए,इसके लिए फ्रेश नियमावली बनाए जाए जिसमें खोजने का न्यूनतम शुल्क भी शामिल कर लिया जाए क्योंकि उत्तर-पुस्तिका जांच में गड़बड़ी करने के कारण ये संस्था दो रुपये प्रति पेज की दर से छायाप्रति देना नहीं चाहते और ज्यादा शुल्क रखा है ताकि लोग ज्यादा शुल्क के कारण उत्तर-पुस्तिका प्राप्त नहीं कर गड़बड़ी का खुलासा नहीं करे।विश्वविद्यालय के कुलपति ने फोन पर परीक्षा बोर्ड का फैसला बताकार दो हजार रुपये से कम करने से मना कर दिया और कुलपति कार्यालय में शिकायत दायर करने के बाद पुनः लोक सूचना अधिकारी ने पत्र भेजा और उन्होंने परीक्षा विभाग द्वारा निर्धारित शुल्क जमा करने वाला अपने पिछले जवाब को सही बताया।
यदि राज्य सूचना आयोग सिफारिश करती है तो ये एक ऐतिहासिक फैसला होगी,जिसका दुरगामी परिणाम भी होगा।जैसे,जिला अभिलेखागार,दरभंगा और अपर समाहर्ता,दरभंगा दोनों ने RTI Act के तहत दस्तावेज का छायाप्रति प्रदान करने से मना कर दिया है और कार्यालय में चिरकुट (APPLICATION FOR COPY) दाखिल कर दस्तावेज की छायाप्रति लेने कहा है।
जिस कार्यालय में चिरकुट दाखिल करने का प्रावधान है,वहाँ प्रायः RTI Act के तहत छायाप्रति नहीं दिया जाता है,जबकि ये कार्यालय भी RTI Act के तहत आते है,क्योंकि चिरकुट दाखिल कर छायाप्रति लेने पर ये लोग मनमानी रुपये वसूलते हैं और RTI में इनकी वसूली नहीं हो सकती।एसडीएम,दलसिंहसराय ने भी RTI आवेदन भेजने पर चिरकुट दाखिल कर छायाप्रति प्राप्त करने कहा था,लेकिन मैंने जब उन्हें पत्र भेजकर कहा कि RTI Act के तहत उन्हें दस्तावेज देना ही पड़ेगा तो फिर दस्तावेज दिया गया।
यदि उत्तर-पुस्तिका मामले में सिफारिश कर दी जाती है तो फिर चिरकुट मामले में भी सिफारिश करने के लिए परिवाद दायर करुँगा क्योंकि इसके लिए भी एक फ्रेश नियमावली बनाने की आवश्यकता है।चिरकुट दाखिल करके छायाप्रति प्राप्त करने का जो निर्धारित शुल्क है,RTI Application दाखिल करके छायाप्रति प्राप्त करने का भी वहीं शुल्क कर देना चाहिए जो Present RTI Rules के तहत भुगतान का निर्धारित विधि पोस्टल आर्डर/ड्राफ्ट आदि से भेजा जाए।

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