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नाबालिग पर बालिग की मुकदमा

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बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने मेरे द्वारा दायर करवायी गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मधुबनी SP से एक महीना के भीतर जवाब मांगा है।मामला मुन्ना कुमार नामक एक नाबालिग पर उसके परिवार के अन्य सदस्योँ के साथ बालिग की मुकदमा चलाए जाने का है।कथित घटना के समय मुन्ना कुमार 18 वर्ष का नहीं हुआ था और वह दसवीँ का परीक्षा दिया ही था।दहेज प्रताड़ना के फर्जी आरोप में मुन्ना और उसके परिवार वाले को उसकी विधवा चाची रानी देवी ने आरोपित किया है।पुलिस और कोर्ट ने भी नाबालिग होने के बावजूद मुन्ना का मामला किशोर न्याय बोर्ड में नहीं भेजा।

आरोप फर्जी है,कैसे?

1.मुन्ना पर आरोप लगाया गया है कि उसने रानी देवी का सादे कागज पर उसकी अंगूठे का निशान रानी देवी के हिस्से का जमीन हड़पने के नीयत से लिया।गौर करने वाली बात ये है कि जमीन हड़पने के लिए सादे कागज पर निशान नहीं लिया जाता।जमीन हड़पने के लिए केबाला पर निशान लिया जाएगा।जब निशान लिया गया तो फिर जमीन कहाँ हड़पी गई?वह निशान वाला सादा कागज है कहाँ?जमीन का बिक्री ,हस्तांतरण,दान आदि STAMP PAPER पर होता है ,ना कि सादे कागज पर।

2.रानी देवी ने CJM कोर्ट में दायर की गई शिकायत में कई बार और कई संदर्भोँ में दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया है।रानी देवी ने ये आरोप लगाया है कि ससुराल वाले ने उसके पति का ईलाज कराने के लिए 50,000 रुपये और एक भैंस दहेज के रुप में मांगा।दहेज नहीं देने के कारण उसके पति का ईलाज नहीं कराया गया,जिसके कारण उसके पति की मौत हो गई।क्या ये संभव है कि कोई पिता या सहोदर भाई ईलाज कराने के लिए अपने पुत्र या भाई के पत्नी से दहेज मांगेगा?रानी देवी का ईलाज कराने के लिए ससुराल वाले दहेज मांग सकते हैँ लेकिन उसके पति के ईलाज के लिए नहीं मांगेँगे।उस वक्त ईलाज कराने के लिए त्वरित पैसे की जरुरत थी,ना कि भैँस की।आरोप लगाया गया है कि रानी देवी जब विधवा हो गई,उसके बाद भी ससुराल में उसे रखने के लिए दहेज मांगा गया।आजतक कोई किसी विधवा से दहेज मांगा है क्या?

3.रानी देवी का दहेज प्रताड़ना का आरोप तथ्य और परिस्थितयोँ से परे दिख रहा है,इसलिए CJM द्वारा FIR करने का आदेश देने के बाद पुलिस द्वारा रानी देवी का पुर्नबयान लेने पर उसने अपना बयान बदल दिया।रानी देवी ने पुलिस के समक्ष बयान दिया कि उसे डायन कहकर ससुराल से भगा दिया गया कि वह अपने पति को खा गई।विधवा को डायन कहकर प्रताड़ित किया जाता है,इसलिए उसे किसी ने दिमाग दिया कि वह दहेज प्रताड़ना के जगह पर डायन कहकर प्रताड़ित करने का आरोप लगाए।रानी देवी ने CJM के समक्ष दायर की गई शिकायत में कई बार दहेज प्रताड़ना का जिक्र किया है,लेकिन पुलिस के समक्ष एक बार भी नहीँ किया।

4.CJM के समक्ष दायर की गई याचिका में रानी देवी ने उसके 7 साल के बेटा को मारने-पीटने का आरोप लगाया है,लेकिन उसने पुलिस के समक्ष इसका जिक्र नहीं किया।

पुलिस की लापरवाही

इस मामले की चार्जशीट की स्वीकृति SDPO के पर्यवेक्षण टिप्पणी के आलोक में SP ,मधुबनी ने दी।केस डायरी और CJM के पास दायर की गई शिकायत को पढ़ने के बाद जो गड़बड़ियाँ मुझे दिखा,वह SDPO और SP को क्योँ नहीं दिखा?

झूठा फंसाने का कारण

वस्तुतः रानी देवी एक निरक्षर महिला है,जिसे उसके एक भाई ने गुमराह कर दिया।रानी देवी के उस भाई ने उसे दिमाग दिया कि वह दहेज प्रताड़ना का फर्जी केस कर दे।फिर ससुराल वाले जेल चले जाएंगे और सारी संपति पर रानी देवी का कब्जा हो जाएगा।फिर वह उसे अपने मन मुताबिक बेच सकती है।जबकि रानी देवी के ससुराल वाले उसे उसके पति के हिस्से का संपति देने के लिए तैयार थे और अभी भी हैँ।ये देखकर काफी आश्चर्य लगता है कि एक विधवा का इस्तेमाल करके कानून का कितना दुरुपयोग किया जा रहा है।

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